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Gaganyaan Mission Astronaut : गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्री जो बढ़ाएंगे भारत की स्पेस में शान, जाने इनकी पूरी डिटेल

Gaganyaan Mission Astronaut : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रिओं के नामों की घोषणा की। इसमें सबसे पहला नाम ग्रुप कैप्टन पी बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला के नाम शामिल है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी पायलटों को एस्ट्रोनॉट विंग्स भी पहनाया। तो आइए एक-एक कर इन अंतरिक्ष यात्रिओं के बारे में जाने

Gaganyaan Mission Astronaut

Gaganyaan Mission Astronaut Update :

प्रधानमंत्री मोदी आज केरल की राजधानी थिरुवनंतपुरम पहुंचे थे। वहां उन्होंने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) में गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की। ये चारो अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनॉट्स) भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट भी है और इन सभी के पास भारतीय वायुसेना की सभी फाइटर जेट्स उड़ाने का अनुभव भी है। बता दे, ये सभी अंतरिक्ष यात्री जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष ‘मिशन गगनयान’ के लिए ट्रेनिंग ले रहे है।

आपको बता दे कि, इसरो का लक्ष्य साल 2025 तक अंतरिक्ष में इन चारों भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का है और इस मिशन का नाम “गगनयान” रखा गया है।

आज के इस खास मौके पे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में हम सभी एक और ऐतिहासिक सफर का साक्षी बने है और देश अपने चार गगनयान यात्रियों से पहली बार परिचित हुआ है, ये सिर्फ चार नाम और चार इंसान नहीं है बल्कि ये चारो 140 करोड़ aspirations को अंतरिक्ष पे ले जाने वाले चार शक्तियां है।

गगनयान मिशन के चार अंतरिक्ष यात्री :

ग्रुप कैप्टन पी बालाकृष्णन नायर :

इनका पूरा नाम प्रशांत बालाकृष्णन नायर है और इनका जन्म 26 अगस्त 1976 में केरल के थिरुवाझियाद में हुआ था। इन्होने अपनी ट्रेनिंग एनडीए में पूरी की है। इनको रूस में मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए ट्रेनिंग भी मिली है। ये एक CAT-A क्लास के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट है। इनके पास करीब 3000 घंटे की उड़ान का अनुभव है और इसके साथ ही इन्होने MiG-21, MiG-29, Su-30 MKI, डोर्नियर, हॉक और An-32 जैसे विमान उड़ाए है। ये एक प्रमुख लड़ाकू विमान सुखोई-30 Sqn के कमांडेंट भी रह चुके है।

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन :

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन का जन्म 19 अप्रैल 1982 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ और इन्होने भी अपनी ट्रेंनिंग एनडीए में पूरी की है। इन्हे वायु सेना अकादमी में राष्ट्रपति द्वारा गोल्ड मेडल और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित भी किया गया है। ये भी एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट है। इनके पास भी करीब 2900 घंटे की उड़ान का अनुभव है और इसके साथ इन्होने MiG-21, MiG-21, Mig-29, Su-30 MKI, An-32, डोर्नियर और जगुआर जैसे कई विमान उड़ाए है।

ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप :

ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में हुआ। इनकी भी मिलिट्री ट्रेनिंग एनडीए में हुई है और ये अभी ग्रुप कैप्टन के तौर पर सेवाएं दे रहे है। ये भी एक फ्लाइंग फाइटर और टेस्ट पायलट है। इनको साल 2004 में 18 दिसंबर को वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में नियुक्त किया गया था। इनके पास भी करीब 2000 घंटे का उड़ान का अनुभव है। इन्होने भी MiG-21, MiG-21, Mig-29, Su-30 MKI, An-32, डोर्नियर और जगुआर जैसे कई विमान उड़ाए है।

विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला :

विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 में लखनऊ में हुआ। इनकी भी मिलिट्री ट्रेनिंग एनडीए में हुई है और ये भी अभी विंग कमांडर के तौर पर सेवाएं दे रहे है। इन्हे साल 2006 में 17 जून को वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया। ये भी एक फ्लाइंग फाइटर है। इनके पास भी करीब 2000 घंटे के उड़ान का अनुभव है और इन्होने भी MiG-21, MiG-21, Mig-29, Su-30 MKI, An-32, डोर्नियर और जगुआर जैसे कई विमान उड़ाए है।

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