Himachal Pradesh Political News : लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक है और ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए दिनों-दिन मुश्किले बढ़ती ही जा रही है। अब यह नया मामला हिमाचल प्रदेश से आया है, वहां की कांग्रेस की सरकार खतरे में है क्योकि वहां पे कांग्रेस के छह विधायक बागी हो गए है और इस चीज़ का पता चला कल राज्यसभा चुनाव में, जहां कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। तो आइए जाने पूरा मामला क्या है?
Himachal Pradesh Political News Update :
आजकल राजनितिक में कुछ न कुछ बड़ी हलचलें होती ही रहती है। बिहार के बाद अब हिमाचल प्रदेश की बारी है क्योकि बिहार की तरह ही हिमाचल प्रदेश में भी बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है। वहां के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संबंध में राहुल गांधी से बात की है और सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि दोनों के बीच मुख्यमंत्री बदलने को लेकर बात हुई है और एहि नहीं इसके अलावा उन्होंने बताया कि अगर कांग्रेस के 6 बागी विधायक नहीं लौटते है तो उनकी सदस्यता भी रद्द की जा सकती है।
इस घटना पे नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर ने तीखी प्रक्रिया दी है उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने के लिए नैतिक आधार खो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधायक दल की हमारी बैठक सुचारु रूप से होती रहती है। इसके बाद जयराम ठाकुर ने कहा डिवीजन के लिए स्पीकर को इजाजत देना चाहिए, मार्शल के जरिए विधायकों के साथ गलत व्यवहार किया गया और हम इस घटना की जानकारी देने के लिए राजभवन जा रहे है।
बता दे, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ बीजेपी के चार अन्य विधायक भी है। तो वहीं इस बात से अब कांग्रेस भी हरकत में आई है उन्होंने भी कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हिमाचल प्रदेश में बतौर पर्यवेक्षक भेजने का फैसला किया है। ये दोनों नेता कुछ घंटों में शिमला पहुंच जाएंगे और वे अपने नाराज विधायकों से बातचीत भी करेंगे।
कैसे शुरू हुआ हिमाचल में राजनीतिक संकट?
इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है राज्यसभा चुनाव क्योकि कल यानि 27 फरवरी को राज्यसभा का चुनाव हुए थे और उस चुनाव का परिणाम बीजेपी पार्टी के पक्ष में आई जो अभी वहां पे सत्ता में नहीं है। इसमें बीजेपी पार्टी को एक सीट पे जीत मिली। अब इसमें सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में है तो ये जीत उन्हें मिलनी चाहिए थी।
बता दे, चुनाव में बीजेपी की तरफ से हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया गया था तो वही कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया गया था और यह माना जा रहा था कि कांग्रेस के पास ज्यादा संख्याबल होने की वजह से अभिषेक मनु सिंघवी को जीत मिलनी तय है। हालांकि, वहां की राज्यसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत मिली।
इस राज्यसभा चुनाव के लिए दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले, और इस ड्रा के बाद हर्ष महाजन को विजेता घोषित किया गया। ऐसा इसलिए हुआ कि एक जानकारी निकलकर सामने आई जिसमे कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। बता दे, हिमाचल प्रदेश में कुल विधानसभा की सीटे 68 है जिसमे कांग्रेस के 40 विधायक है तो वही बीजेपी के पास 25 विधायक है और इसके अलावा तीन विधायक निर्दलीय है तो कुल बीजेपी विधायकों की संख्या जोड़ दी जाए तो वे 28 हो जाती है।
अब बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को 34 वोट मिले इसका मतलब ये हुआ कि निर्दलियों ने भी बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया लेकिन, फिर भी उन्हें कांग्रेस के छह विधायकों का वोट मिला होगा। इस वजह से चर्चा होने लगी कि कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे है और यह भी कहा जाने लगा कि बीजेपी सुखविंदर सिंह सुक्खू की 14 महीने पुरानी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
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