LK Advani Awarded The Bharat Ratna : बीजेपी में लम्बे समय तक अध्यक्ष रहने वाले नेता में से एक लाल कृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की गई है। इसके बाद से उनके चाहने वाले और उनके समर्थको में मानो ख़ुशी की लहर सी दौर गई हो। तो आइए हमलोग उनकी राजनीति सफर के बारें में जानें
लाल कृष्ण आडवाणी भारत के दिग्गज नेता में से एक है और बीजेपी के एक मजबूत स्तंभ है, इन्होने बीजेपी की नींव रखने में बड़ा योगदान दिया है। ये बहुत लम्बे समय तक संसाद के तौर पे काम भी कर चुके है। लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट के जरिये उन्हें बधाई दी और कहा कि ‘भारत के विकाश में उनका योगदान अतुल्य है’ इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने भी उन्हें X के माध्यम से बधाई दी।
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म, स्कूली शिक्षा और करियर :
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म साल 1927 में 8 नवंबर को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। उनके पिता है नाम था डी अडवाणी और माँ का नाम ज्ञानी आडवाणी था, फिर उन्होंने साल 1965 में 25 फरवरी को कमला आडवाणी से शादी की साथ ही उनके दो बच्चे भी है। बात करे उनकी शिक्षा कि तो उनकी शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट प्रैट्रिस हाई स्कूल से पूरी हुई। फिर विभाजन के बाद उन्होंने भारत आकर मुंबई के लॉ कॉलेज से आगे की पढाई की।
आडवाणी का RSS से भी जुड़ाव रहा :
आडवाणी को शुरू से ही देश प्रेम में काफी जज्बा था जिसके चलते उनकी रूचि RSS की तरफ ज्यादा बढ़ने लगी। साल 1947 में भारत की आजादी के बाद लाल कृष्ण आड़वाणी कराची से दिल्ली आ गए और इसके बाद उन्होंने राजस्थान में संघ के लिए प्रचार करने में जुट गए। उन्होंने संघ का प्रचारक बहुत लम्बे समय तक किया। इसके बाद वे RSS सचिव के रूप में अलवर, कोटा, भरतपुर, झालावाड़ और बूंदी में संघ के कार्यक्रम का आयोजन भी किया।
आडवाणी का राजनीतिक सफर :
साल 1980 में उन्होंने अटल जी के साथ मिल के भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। आडवाणी साल 1980 से 1986 तक बीजेपी के महासचिव और फिर साल 1986 से 1991 तक वे बीजेपी अध्यक्ष भी रहे। बीजेपी में आडवाणी का कार्यकाल अध्यक्ष के रूप में सबसे ज्यादा साल तक रहा है। इस बीच वे लोकसभा से 5 बार सांसद रहे और राज्यसभा से 4 बार सांसद रहे। फिर साल 1998-1999 में भाजपा की सरकार में गृह मंत्री भी रहे और उसके बाद साल 2002 में उप प्रधानमंत्री का कार्यभार भी संभाला।
राम जन्मभूमि आंदोलन में भी मुख्य भूमिका :
साल 1990 में वे राम जन्मभूमि आंदोलन में नए चेहरे के रूप में उभरे। उन्होंने साल 1990 में पडित दीनदयाल की जयंती पे, राम रथ यात्रा गुजरात के सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक शुरू की थी। जिसके वजह से वे देश में हिंदुत्व के रूप में उभरना शुरू किए। उनकी इस यात्रा का मकसद था राम मंदिर के अभियान के लिए समर्थन हासिल करना।
पुरस्कार :
साल 2015 में भाजपा की सरकार में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
आडवाणी के कुछ फेमस पुस्तके :
- एक कैदी की स्क्रैपबुक
- नजरबंद लोकतंत्र
- सुरक्षा और विकाश के नए दृष्टिकोण
- मेरा देश मेरा जीवन
- जैसा की मैंने इसे देखा
- माई टेक
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