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Kolkata Underwater Metro : प्रधानमंत्री मोदी आज भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन करेंगे, जानिए खासियत

Kolkata Underwater Metro : प्रधानमंत्री मोदी आज भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन करेंगे। इस अंडरवाटर मेट्रो को बनाने में कुल खर्च लगभग 157 करोड़ रुपए आए है। तो आइए आपको Kolkata Underwater Metro से जुड़ी सारी जानकारी दे

Kolkata Underwater Metro
Kolkata Underwater Metro

Kolkata Underwater Metro News :

हुगली नदी पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है और इस नदी को राज्य के पहचान के तौर पे भी देखा जाता है। यह 260 किलोमीटर लंबी हुगली गंगा की सहायक नदी है और इसी गंगा नदी के नीचे कोलकाता में अंडरवाटर मेट्रो के दौड़ने का रास्ता निकला है।

यह भारत की पहली अंडरवाटर ट्रेन होगी जो नदी के नीचे से गुजरेगी और ये हम सभी के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। आज हमारे देश के इंजीनियरों ने वो कमाल कर दिखाया है जिसे दुनिया सलाम कर रही है। ब्रिटेन और फ्रांस के बाद अब भारत अंडरवाटर मेट्रो वाला तीसरा देश बन जाएगा। इस अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे है।

क्या है इस अंडरवाटर मेट्रो की खासियत?

भारत में ऐसा पहली बार होगा जब कोई मेट्रो नदी के नीचे चलेगी। बता दे, हावड़ा से एस्प्लेनेड स्टेशन के बीच करीब 4.8 किलोमीटर का रास्ता है इसमें से करीब आधा किलोमीटर का रास्ता पानी से गुजरकर जाता है। वही आधे किलोमीटर की लंबी सुरंग से गुजरने में एक मिनट से भी कम का समय लगता है। अभी के समय में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर 16.6 किलोमीटर तक फैली है। जिसमे 10.8 किलोमीटर भूमिगत स्थित है और साथ ही इसमें हुगली नदी सुरंग भी शामिल है।

माझेरहाट मेट्रो एक ऊंचा मेट्रो स्टेशन है, जिसमें एक नहर भी शामिल होंगी। यह भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा। इसके साथ ही हावड़ा का ईस्ट-वेस्ट मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे बड़ा स्टेशन बनने वाला है। पानी के नीचे बनाई गई सुरंग में मेट्रो की रफ्तार करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। पानी के नीचे बने इस सुरंग को इस प्रकार बनाया गया है कि इसमें पानी की एक बूंदे भी घुस नहीं पाएगा।

किन-किन चुनौतियों के बाद तैयार किया गया मेट्रो सुरंग?

हुगली नदी के ऊपर हावड़ा ब्रिज है और इस पुल के ठीक नीचे ही दो सुरंग बनाई गई है जिसमे इन दोनों सुरंगो का नाम ईस्ट वेस्ट मेट्रो दिया गया है। इस नदी के अंदर 520 मीटर की लंबी सुरंग बनाना कितनी बड़ी चुनौती से कम नहीं था। वो इसलिए कि हुगली नदी के सामने हावड़ा रेलवे स्टेशन है, जो सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक माना जाता है और हावड़ा मेट्रो के लिए जो सुरंग बनाई गई है उसकी एक हिस्सा हावड़ा स्टेशन की जमीन के नीचे से होकर गुजरता है।

अब इसके लिए चुनौती ये थी कि करीब सौ साल पुराने रेलवे स्टेशन के नीचे से सुरंग का निर्माण का काम कैसे शुरू किया जाए। इसके बाद मेट्रो के रास्ते में ऐसे कई इमारतें थी जो करीब 100 साल पुरानी थी।

चार अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन भी बनाए गए :

आपको बता दे कि कुछ साल पहले की तस्वीर कुछ ऐसी थी कि बीच में नदी होने की वजह से सियालदाह से स्प्लेनेड तक ही मेट्रो की रुट थी। लेकिन अब नदी के नीचे सुरंग तैयार होने से चार अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन भी बनाए गए है और इसमें सबसे बढ़िया बात ये है कि जिन यात्रियों को रोज हावड़ा स्टेशन तक पहुंचने में करीब एक घंटा का समय लगता था वो सिर्फ चंद मिनटों में सीधे हावड़ा स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक पहुंच जाएंगे। कोलकाता घनी आबादी के बोझ से दबा हुआ वो शहर है जहां के सड़कों की भी सांसे फूलने लगती है। सियालदाह और हावड़ा के बीच सड़क से दूरी तय करने में एक घंटे 30 मिनट से भी अधिक समय लगते थे लेकिन अंडरवाटर मेट्रो बन जाने के बाद से अब ऐसा नहीं होगा।

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