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Abu Dhabi Hindu Temple : अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का शुभारंभ 14 फरवरी को होगा, जानें क्या है मंदिर की खासियत

Abu Dhabi Hindu Temple : यूएई देश के अबू धाबी शहर में पहला सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो गया है, गुलाबी पत्थर से बना यह मंदिर आम जनता के लिए खुलने को तैयार है। अब अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी 14 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे। आपको बता दे, प्रधानमंत्री मोदी 13 और 14 फरवरी को UAE में रहेंगे और साल 2018 में उन्होंने ही इस भव्य और विराट मंदिर का शिलान्यास किया था। तो आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको मंदिर से जुड़ी सारी जानकारी विस्तार पूर्वक दे

Abu Dhabi Hindu Temple
Abu Dhabi Hindu Temple

Abu Dhabi Hindu Temple :

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का शुभारंभ करेंगे। मंदिर का निर्माण करने वाली BAPS स्वामीनारायण संस्था ने कहा कि 13 से 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई का दौरा करेंगे। एक रिपोर्ट में BAPS ने कहा कि हिंदू मंदिर का निर्माण काफी तेजी से किया गया फिलहाल अब मंदिर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी 13 फरवरी को अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में अहलान मोदी कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे इसके बाद वे 14 फरवरी को मंदिर से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। हाल के दिनों में मंदिर को देखने के लिए 42 देशों के राजदूत और उनके जीवन साथी मंदिर पहुंचे थे। इन सभी को UAE में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने आमंत्रित किया था। मंदिर के उद्घाटन समारोह में लगभग 2000-5000 भक्तों के आने की उम्मीद है।

मंदिर का निर्माण 27 एकड़ भूमि पर हुआ :

गुलाबी पथरो से बना यह मंदिर अपने आप बहुत खास है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की भी धनराशि खर्च की गई है। इस मंदिर का निर्माण 27 एकड़ भूमि पर हुआ है। मंदिर का निर्माण 2019 से ही चल रहा है। इस मंदिर के निर्माण के लिए संयुक्त अरब अमीरात सरकार द्वारा दान दिया गया था। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसमें देश के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें बनाई गई है। यूएई में भीषण गर्मी पड़ने के कारण इस मंदिर का निर्माण गुलाबी पत्थर से किया गया है जिससे गर्मियां पड़ने पे भी मंदिर के पथरो पे उसका असर नहीं होगा।

बेहद लुभावनी है इस मंदिर की वास्तुकला :

अबू धाबी का यह पहला हिंदू मंदिर जिसकी ऊंचाई 108 फुट है और इसे 402 स्तंभों पर खड़ा किया गया है। 27 एकड़ में बने इस मंदिर में भी राममंदिर की तरह ही स्टील और लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। बता दे, इस भव्य मंदिर में दो केंद्रीय गुंबद हैं, जिन्हें ‘सद्भाव का गुंबद’ और ‘शांति का गुंबद’ नाम दिया गया है। इस मंदिर को निर्माण करने में 18 लाख ईंट का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अदृभुत वास्तुकला के साथ एक बड़े इलाके में बना BAPS मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर होगा। मंदिर के प्राधिकारियों के द्वारा बताया गया है कि इस मंदिर के आंतरिक भाग के निर्माण में 40,000 घन फीट संगमरमर का उपयोग किया गया है।

इस मंदिर के बाहरी हिस्से की बात करें तो इस हिस्से में राजस्थान के गुलाबी पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। वही इसके आतंरिक भाग में इटैलियन मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। इससे इस मंदिर की वास्तुकला बेहद लुभावनी हो गई है। मंदिर में 12 समरन शिखर हैं, जिसको ‘घुम्मट’ कहते है। इसके अलावा सात शिखर संयुक्त अरब अमीरात के साथ अमीरातों के प्रतिनिधि है जिन्हे 25,000 पथरो के टुकड़े से बनाया गया है। मंदिर तक जाने वाले रास्ते के सभी ओर 96 घंटियाँ और गोमुख स्थापित किए गए है।

बता दे, ये विशाल हिन्दू मंदिर भगवान शिव को समर्पित है साथ ही इस मंदिर में शिवपुराण और 12 ज्योतिर्लिंग उत्कीर्ण है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में भागवत और महाभारत की नक्काशी की गई है। इसके बाद भगवान जगन्नाथ के मंदिर में, जगन्नाथ यात्रा अंकित किए गए है। इसी तरह, भगवान स्वामीनारायण, भगवान अयप्पा को समर्पित मंदिर में उनके जीवन, शिक्षाओं और कार्य को अंकित किया गया है।

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