AI News in India : हाल ही में भारत सरकार ने AI (Artificial Intelligence) को लेकर सरकार ने बनाए सख्त नियम बनाया है। अब से भारत में किसी भी कंपनी को AI मॉडल या उनके प्रोडक्ट को लांच करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। आइए जाने सरकार द्वारा बनाए गए वो नियम के बारे में
AI Technology News :
AI यानि Artificial Intelligence की चर्चाएं पिछले काफी दिनों से भारत समे दुनिया के सभी देशो में हो रही है। इस टेक्नोलॉजी ने पिछले कुछ सालो में पूरी दुनिया में काफी अपना नाम कमाया है। बता दे, इस टेक्नोलॉजी के जितने सारे फायदे है तो उतने ही नुकसान भी है। इस वहज से भारत सरकार ने इस चीज़ को मद्देनज़र देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है।
भारत सरकार द्वारा लिया गया इस फैसले में कहा गया है कि किसी भी कंपनी को अपना AI मॉडल या कोई भी AI प्रॉडक्ट लांच करने के लिए भारत सरकार के केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से अनुमति लेनी अनिवार्य कर दी गई है।
सरकार द्वारा बनाए गए AI के नियम :
भारत सरकार के केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने भारत में AI मॉडल को लांच करने के संबंध में कंपनियों के लिए एक नई नियम जारी की गई है। पहले भारत में किसी भी कंपनी को AI मॉडल लांच करने के लिए किसी से अनुमति नहीं लेनी पड़ती थी।
आपको बता दे कि MeitY ने पिछले साल दिसंबर में सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के लिए एक एडवाइस जारी की थी जिसमे उन्हें मौजूदा समय में चल रहे IT नियमों का पालन करने को कहा गया था। उस समय भी सरकार ने विशेष रूप से डीपफेक टेक्नोलॉजी से निपटने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एडवाइस दी थी और साथ ही IT नियमों का पालन करने को भी कहा गया था।
भारत में AI मॉडल लॉन्च करने से पहले इन बातो को ध्यान बम रखे :
- सभी कंपनियों को AI मॉडल लांच करने से पहले सरकार से स्पष्ट रूप से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही कंपनियों को अपने यूज़र्स को उस AI टेक्नोलॉजी से होने वाले नुकसानों की भी जानकारी देनी होगी।
- कंपनियों को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में मेंशन किए गए अपने कर्तव्यों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कंपनियों को गैरकानूनी कंटेंट को प्लेटफॉर्म पे रखने, उसकी मोडिफिकेशन और शेयरिंग से बचना चाहिए।
- यूज़र्स को AI से क्रिएट की गई इमेज से होने वाले नुकसान और उससे जुड़े मामलों में अकाउंट निलंबित से लेकर लीगल एक्शन तक लेने की जानकारी सही से होनी चाहिए।
- कंपनियों को उनके मौजूदा प्लेटफॉर्म में संभावित रूप से मिसलीडिंग कंटेंट को लेबल करना जरूरी होगा ताकि यूज़र्स को आसानी से समझ आ जाए कि वो कंटेंट गलत हो सकता है।
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