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BYJU’S Story : ईडी के शिकंजे पर बायजूस के संस्थापक, कैसे हुआ कंपनी का इतना बुरा हाल?

BYJU’S Story : आज के समय में ऐसे कई सारे स्टूडेंट्स है जो पढ़ने या किसी एग्जाम की तैयारी करने के लिए ऑनलाइन ऐप्स का इस्तेमाल करते है। उसमे से एक नाम है बायजूस का है यह वही बायजूस है जिन्होंने एड-टेक वर्ल्ड में क्रांति लाया और आप इसका विज्ञापन करते हुए आपने शारुख खान और फुटबॉल स्टार मेसी को भी देखा होगा।

BYJU'S Story
Byju Raveendran

कंपनी का ‘बायजूस’ नाम बायजूस रवींद्रन के नाम पे पड़ा जिन्होंने इस स्टार्टअप की शुरुआत साल 2011 में की। ऑनलाइन एजुकेशन को नई दिशा देने वाले  बायजूस को किन-किन मुसीबतो का सामना करना पड़ा ये किसी से छुपा नहीं है। इसके बाद ईडी ने बायजूस के संस्थापक रवींद्रन के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया है। बायजूस ने कामयाबी की सीढ़िया तो चढ़ी लेकिन असफलताओ के बवंडर का भी सामना किया। साल 2023 में अप्रैल के महीने में बायजूस रवींद्रन की कंपनी पर बैंगलुरु में रेड पड़ी। तो आज हम जानेंगे कि कैसे एड-टेक जगत में बदलाब लाने वाली बायजूस कंपनी को डाउन फॉल देखना पड़ा।

बायजूस की कहानी :

  • जैसा की आप जान चुके है साल 2011 में बायजूस रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने बायजूस की शुरुआत की थी। भारत में ऑनलाइन शिक्षा को इसने कई मायने दिए माना जाता है कि शिक्षण के प्रति अपने जूनून और लर्निंग को और ज्यादा interesting, attractive और easy बनाने की सोच लिए रवींद्रन ने  बायजूस की स्थापना की। कंपनी द्वारा ऑनलाइन वीडियो और competitive exams के लिए लर्निंग प्रोग्राम्स की शुरुआत की गई थी। उस वक़्त उनका सीधा साधा लक्ष्य था कि adaptive learning technique की मदद से देश भर में मौजूद स्टूडेंट्स को personalised  learning experience दिया जाए।
  • साल 2015 में बायजूस ने अपनी ऐप लांच की थी। इसके बाद साल 2018 तक ऐप के 15 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हो गए थे। बायजूस के फाउंडर के सोच और तरीको ने न सिर्फ छात्रों को अपनी ओर आकर्षित किया बल्कि निवेशकों का ध्यान भी अपनी ओर खींचा। देखते ही देखते बायजूस कई सारे स्टूडेंट्स के लिए go to learning point बन गया था।

  • इन्वेस्टर्स की बात की जाए तो Chan Zuckerberg Initiative और Sequoia Capital जैसे प्रमुख निवेशकों ने भी इसकी ओर अपना हाथ बटाया। देखते ही देखते बायजूस एक अरब डॉलर की स्टार्टअप में बदल गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका मूल्यांकन आसमान छूने लगा था। इसके बाद बायजूस कई बड़े इवेंट्स का स्पोंसर भी बना था।
  • लेकिन फिर आया कोरोना काल जब दुनिया भर के लोगो ने तमाम तरह की मुसीबतें का सामना किया इसके बाबजूद भी बायजूस के लिए वो समय कुछ चुनैतियों के साथ-साथ अवसर भी ले के आया था। लॉक डाउन के समय स्कूल, कोचिंग सेंटर्स तो बंद हो गए थे ऐसे में पढाई के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मांग बढ़ी, आपदा में अवसर ढूंढा बायजूस ने और अपनी ऐप पे लाइव क्लास्सेस शुरू कर दी।
  • इसके बाद लाइव क्लास्सेस में ट्रेडिशनल क्लास्सेस वाला माहौल बनाया लाखो छात्रों को अपनी ओर आकर्षित किया। 300 मिलियन वाली वाइट हेट जूनियर डी और pandemic के दौरान fund raising compaign की मदद से कंपनी के भंडार भरने लगे।
  • कंपनी की अच्छी खासी ग्रोथ हो ही रही थी कि इसके बाद आया कंपनी का बुरा वक़्त क्योकि जैसे-जैसे महामारी का दौर बीतता गया लोगो ले लिए राहत तो होने लगी लेकिन बायजूस को अप्रत्याशित चुनैतियों का सामना करना पड़ा। लाइफ बैक तो नार्मल होनी लगी, बच्चे स्कूल-कोचिंग फिर से जाने लगे ऐसे में ऑनलाइन क्लास की डिमांड पहले के मुकाबले कम होने लगी।
  • साल 2021 में बायजूस ने 327 मिलियन डॉलर के नुकसान की सुचना दी। जिसके कारण इसके वित्तये स्थिरता पे सवाल खड़े हो गए थे फिर तो माने इस कंपनी का डाउन फॉल शुरू हो गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कंपनी को marketing strategies के कारण सवालों के कटघरे में खड़ा होना पड़ा और कड़ी आलोचनो का सामना भी करना पड़ा।
  • ऑनलाइन शिक्षा की घटती मांग और तकनीकी गरबरियो के साथ-साथ कई आरापों ने बायजूस को संकट में डाल दिया। इकॉनमी टाइम रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई parents ने शिकायत की थी कि कंपनी के सेल्स एग्जीक्यूटिव उन्हें कोर्स खरीदने के लिए फ़ोर्स कर रहे है।
  • कंपनी के वित्तये स्तिथि खराब होने लगी इसके बाद जाहिर सी बाद है कि इसके साथ ही निवेशकों का विस्वास भी खोने लगा था। इसका असर स्टॉक मार्किट में साफ़ देखने को मिला बायजूस का स्टॉक एक समय पे भारत का most value startup था उनका मूल्यांकन 22 बिलियन डॉलर से गिरकर 5.1 बिलियन डॉलर हो गया। प्रमुख निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी काफी कम कर दी थी।
  • इसके बाद बायजूस रवींद्रन ने कई रणनीतिक कदम उठाये इसके लिए उन्होंने एक नया ऑडिटर नियुक्त किया और नए शरहोल्डर्स की तलाश की हालांकि, ये कदम उनके लिए खास मददगार साबित नहीं हुआ था।
  • बता दे, ये कंपनी एक वक़्त पे यूनिकॉर्न कंपनी बन गई थी। लेकिन बीतो सालो में इस कंपनी के अपने कई निवेशक गवां दिए। खबरे ये भी आई कि कंपनी ने कॉस्ट कटिंग के चलते कई ले ऑफस किए है। यहां तक की रवींद्रन का नाम साल 2023 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट से गायब हो गया। जिसके बाद साल 2023 के मई में बायजूस की लैंडर्स ने US में कंपनी के खिलाफ SUIT फाइल किया। इसके बाद जून 2023 में बायजूस फिर सुर्खियों में आया इसकी वजह थी 40 मिलियन डॉलर की इंटरेस्ट पेमेंट न करना।

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