Pankaj Udhas Death : गजल की दुनिया के ‘बेताज बादशाह’ कहे जानें वाले पंकज उधास अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने 72 साल की उम्र में आखिरी सांसे ली और इस खबर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर फ़ैल गई। सभी लोग उन्हें सोशल मीडिया पर नम आंखों से आखिरी श्रद्धांजलि दे रहे है।
गजल गायक पंकज उधास चारण का निधन हो गया है,वे बहुत समय से लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। इस बात की पुष्टि उनकी बेटी नयाब उधास ने एक पोस्ट के जरिए की और इसमें लिखा है ” भारी दिल से आप सभी को यह सुचना देना पड़ रहा है कि पद्म श्री पंकज उधास का आज निधन हो गया है, वे लंबे समय से बीमार थे।”
अपना पहला गाना 6 साल के उम्र में गाए :
पंकज उधास ने साल 1972 में आई फिल्म कामना में महज 6 साल की उम्र में ही गाना गाया था जो कि काफी सुपर हिट हुआ था। इस फिल्म में पंकज को गाने का मौका उषा खन्ना ने दिया था। पंकज ने ये गाना बखूब तुम कभी सामने आ जाओगे जो गया था वो आज भी उनके फैंस की जुबान पे है।
उन्होंने इसके बाद गजल गायकी की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई और आज उनसे हर कोई परिचित होगा। बता दे, पंकज के पिता और उनके बड़े भाई भी संगीत से जुड़े थे, जिस कारण पंकज भी संगीत की दुनिया में आगे बढ़ने लगे।
स्कूल में पहली गाना गया था :
पंकज उधास ने एक रिपोर्ट्स में बताया था कि वे म्यूनिसिपल स्कूल में पढ़े हुए है, वहां पे सामूहिक तौर पर इसकी प्रार्थना होती थी और फिर धीरे-धीरे वहां उनके गाने का दौर शुरू हुआ था।
इस गाने की वजह से रातोंरात मिली थी शोहरत :
साल 1986 में आई फिल्म नाम में पंकज उधास ने गजल गया था ‘चिट्ठी आई है’ और ये गजल पंकज जी की सबसे मशहूर गजल में से एक है इसके बाद तो उनके पास अनेको गाने के ऑफर आने लगे। इसके बाद उन्होंने कई गजलें भी गाई जिनमें ‘ये दिल्लगी’,’चले तो कट ही जाएगा’, ‘तेरे बिन’ और ‘फिर तेरी कहानी याद आई’ शामिल है। इसके अलावा पंकज ने गाने भी बहुत सारे गाए उनमे ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ और ‘ना कजरे की धार’ जैसी गाने उनके यादगार गानों में से एक है।
साल 2006 में पद्मश्री दिया गया :
गायक पंकज उधास को उनकी एक गीत ‘चिठ्ठी आई है’ से काफी प्रसिद्धि मिली। इसके बाद उन्होंने कई फ़िल्मी गानों में अपने सदाबहार आवाजें दी। इसके अलावा उनके कई सारे एल्बम भी रिकॉर्ड हुए और वे एक प्रसिद्ध गायक के रूप में पूरी दुनिया में अपनी कला का प्रदर्शन भी किया। केंद्र सरकार द्वारा साल 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।